प्रस्तुत है 'कौलान्तक पीठ' की प्रमुख अधिष्ठात्री शक्ति 'देवी कुरुकुल्ला' का वाम मंत्र। ये मंत्र 'वामेश्वरी मंत्र' के नाम से भी जाना जाता है। चमत्कारों और जादु की देवी का विकराल मुख ही 'कुरुकुल्ला' है। देवी 'कुरुकुल्ला' जिन्हें 'रक्त तारा' कहा जाता है। वाममार्ग की भी प्रमुख आराध्या शक्ति हैं। उनका एक 'वाम मंत्र' साधक को अद्भुत विचार और सामर्थ्य प्रदान करता है। 'कौल' साधकों का ये गोपनीय मंत्र यहाँ स्वयं 'ईशपुत्र-कौलान्तक नाथ' प्रकट कर रहे हैं। हालाँकि इसे गोपनीय ही रखा जाता है। लेकिन 'कौलान्तक पीठ' के प्रमुख होने के नाते ये उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। ये मंत्र 'ईशपुत्र-कौलान्तक नाथ' द्वारा गाया गया है । तो प्रस्तुत है 'कौल क्रमानुसार' देवी का ये दुर्लभ मंत्र-
।। वामेश्वरी कुरुकुल्ला वाम मंत्र ।।
।। ॐ झां झां झां हां हां हां हें हें हें कौलिनी कामिनी द्राविणी प्रिये कुरुकुल्ले स्वाहा ।।
(मंत्र के लिए गुरु से आज्ञा और दीक्षा अवश्य प्राप्त करें, ध्यान रहे ये वाममार्गीय मंत्र है)-कौलान्तक पीठ टीम-हिमालय।
।। वामेश्वरी कुरुकुल्ला वाम मंत्र ।।
।। ॐ झां झां झां हां हां हां हें हें हें कौलिनी कामिनी द्राविणी प्रिये कुरुकुल्ले स्वाहा ।।
(मंत्र के लिए गुरु से आज्ञा और दीक्षा अवश्य प्राप्त करें, ध्यान रहे ये वाममार्गीय मंत्र है)-कौलान्तक पीठ टीम-हिमालय।