शुक्रवार, 25 मई 2018

वीरभद्र मन्त्र

'कौलान्तक पीठ हिमालय' प्रस्तुत करता है 'ईशपुत्र-कौलान्तक नाथ' की तंत्रमय आवाज में, शिव के प्रखरतम गण, दक्ष प्रजापति शिरोसंधानक 'श्री वीरभद्र' का तांत्रिक मंत्र'। इस मंत्र से ऊपर क्या हो सकता है? ये मंत्र बेहद तीब्र और शक्तिशाली माना गया है। सकल बाधा हरने वाले इस मंत्र को 'वीर भाव' से ही किया जाता है। आप सभी 'कौलान्तक पीठ' के भैरव-भैरवियाँ इस मंत्र की प्रखरता, विधि व महत्त्व को तो जानते ही है। तो ऊँची ध्वनि में सुनने योग्य इस वीर मंत्र का श्रवण कीजिये-कौलान्तकपीठ टीम-हिमालय।
'ॐ ड्रं ह्रौं बं जूं बं हूं बं स: बीर वीरभद्राय प्रस्फुर प्रज्वल आवेशय जाग्रय विध्वंसय क्रुद्धगणाय हुं'
"Om dram hroum bam joom bam hoom bam sah bir veerbhadraaya prasfura prajwala aaveshaya jaagraya vidhvamsaya kruddhagannaaya hoom"
वीरभद्र मन्त्र