देवी लक्ष्मी की लघु साधना-दीपावली विशेष

दीपावली स्वतः सिद्ध मुहूर्त है. तंत्र पथ अथवा मंत्र साधकों को किसी मुहूर्त विशेष को शोधने की जरूरत नहीं होती. वो केवल साधना करता है. दीपावली धन, यश, मान, स्वास्थ्य, गृहस्थ सुख तो देती ही है लेकिन ये समय आपके जीवन को अनेक लाभ दे सकता है यदि आप जानते हों कि कौन सी साधना अप पर ठीक बैठती है. गुरु से दीक्षा लेने के लिए भी ये मुहूर्त बड़ा ही श्रेष्ठ माना जाता है. लक्ष्मी देवी या कहें माँ श्री विद्या का काल होने से गरीब से गरीब भी साधना कर जीवन में उत्थान को प्राप्त कर सकता है. इस काल में श्री सूक्त का पाठ अथवा श्रवण आम भक्त के लिए वरदान स्वरुप होता है. मंत्र का जाप भी अत्यंत लाभदायक होता है.
मंत्र-ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले जाग्रय-जाग्रय हुं

इस काल में बीसा यन्त्र या श्रीयंत्र घर में स्थापित करना बड़ा ही शुभ प्रभाव देता है. हत्था जोड़ी, श्वेतार्क गणपति, रुद्राक्ष, मानिंक आदि घर में स्थापित करना धनदायक होता है. यदि आप रोजगार प्राप्त नहीं कर पा रहे तो निम्न यन्त्र को बना कर अपने पास रखें व दीवाली की रात ही इसे लिखें और पूजन करें.
यन्त्र-
६६६ ९९९ ६६६
९९९ ३३३ ९९९
३३३ ९९९ ३३३
देवी के मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष या कमलगट्टे की माला का ही प्रयोग करें. उत्तर दिशा की और या पूर्व की और मुख रखना चाहिए. लाल रंग का आसन बिछाना चाहिए. अपनी रक्षा या तंत्र प्रयोगों से बचाव के लिए गुरु मंत्र या हिमालय मंत्र का जाप करें. इससे किसी भी तरह का जादू टोना तंत्र मंत्र प्रभावहीन हो जायेगा.
मंत्र-
ॐ महाकालाय विकर्तनाय मायाधराय नमो नम:
उपरोक्त सभी मन्त्रों की कम से कम पांच माला तो जरूर करें यदि आप साधक है तो ५० माला करने से लाभ मिलता है. देवी को लाल फूल व खीर पंचमेवे का भोग लगायें. यदि आपके पास धन अथवा समय का आभाव है तो एक लाल कपडे का टुकड़ा या चुनरी ले कर पांच दीये देवी के मंदिर ले जा कर चढ़ा दें. देवी अवश्य कृपा करेंगी.
-कौलान्तक पीठाधीश्वर महायोगी सत्येन्द्र नाथ