क्या हनुमान जी, वेद व्यास जी स्थूल शरीर में है या सूक्ष्म शरीर में है ?

आशुतोष भैरव जी - साधक का एक और प्रश्न आया है कि, क्या हनुमान जी, वेद व्यास जी स्थूल शरीर में है या सूक्ष्म शरीर में है जी ?
ईशपुत्र - देखिए, सूक्ष्म शरीर में तो हर व्यक्ति है, सूक्ष्म में भी और स्थूल में भी, सदैव । जब भी कोई चीज दृश्यमान सत्ता से उस पार हो जाए उसको सूक्ष्म कहा जाता है और इस सूक्ष्म में तो ब्रह्मांड में बहुत कुछ घटित हो रहा है जो हमें इन चर्मचक्षुओं  से दृष्टिगोचर नहीं होता । आज तो विज्ञान भी जानता है, विज्ञान क्या आपको भी तो मालूम है, कितनी तरह की तरंगे, रेडिएशन, वाइब्रेशन हमारे ब्रह्मांड में घूम रही है, हम उनको देख नहीं पाते बिना यंत्र की सहायता से, तो यह सब चीजें सूक्ष्म है । और कुछ चीजें प्रत्यक्ष में हैं जैसे आप मुझे देख पा रहे हैं । इन महानतम हस्तियों के बारे में यह कहा गया है कि यह 'अवतारी पुरुष' है, सदेह इस पृथ्वी पर रहेंगे । अब कारण यह है कि यदि सदेह है तो यहां सेटेलाइट लगे हुए हैं ऊपर से, सर्च कर रहे हैं पृथ्वी को, एक-एक व्यक्ति का आजकल पासपोर्ट बन रहा है, उसके आईडी प्रूफ बन रहे हैं, सब चीजें बन रही है, किस गांव का है, किस एरिया में रहता है, हिमालय कितना है, तो हर जगह मिलिट्री लगी हुई है, सीमाएं बनी हुई है तो यह लोग कहां है ? अगर यह सशरीर है तो दिखाई क्यों नहीं देते ? ऐसी बातों का, ऐसे प्रश्नों का हम जैसे योगियों के पास या ऐसे योगियों के पास जो वहां जनता के बीच में रहते हैं, जब जनता, साधक या भैरव-भैरवी इस तरह के प्रश्न पूछते हैं तो उत्तर नहीं होता, तो अपने आप को बचाने के लिए यह कहा जाता है कि वह लोग सूक्ष्म शरीर में है । लेकिन आप शास्त्र और पुराणों को पढ़ेंगे उसमें लिखा गया है वह इसी देह में सदेह चिरंजीवी है, ना कि वो सूक्ष्म शरीर में चिरंजीवी है । सूक्ष्म शरीर में तो कोई भी चिरंजीवी हो सकता है इसलिए यह तर्क बिल्कुल गलत है । वह सदेह ही विद्यमान है लेकिन कहां है, कैसे हैं यह बताना अभी मेरा विषय नहीं है लेकिन मैंने आपको इशारा ये जरूर कर दिया है कि सूक्ष्म शरीर से उनका ज्यादा लेना-देना अभी नहीं है ।

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