सम्मोहन एक दिव्य और रहस्यमय कला है, सम्मोहन के अलग-अलग स्तर होते हैं, वास्तव में सम्मोहन काला जादू नाम की विद्या का ही एक हिस्सा है, काला जादू तंत्र शास्त्र का वो भाग होता है, जिसमें बिना मंत्र यन्त्र और औषधि आदि के मनोवांछित चमत्कार पैदा किया जा सकता है, वास्तव में तंत्र की मोहिनी विद्या का क्रिया पक्ष ही काला जादू के साधारण नाम से जाना जाता है, इस विद्या को प्रचार में नहीं लाया जाता था क्योंकि ये गुप्त विद्या कही जाती थी, कौलान्तक पीठाधीश्वर महायोगी जी नें सम्मोहन विद्या के गूढ़तम तलों को देखा है, बनों में हिंसक जानबरों पर सम्मोहन की प्रक्रिया को आजमाया भी है,
किन्तु आज सम्मोहन विद्या का एक नया स्वरुप भी हमारे सामने है, जो विदेशों से आया जिसे हिप्नोटिज्म के नाम से जाना जाता है, हालांकि इस नए स्वरुप में वैज्ञानिक व्याख्या अधिक होने से बुद्धिवादीयों के बीच ये प्रमाणिक रूप से प्रचलित हुया, पर इस विद्या का स्वरुप कहीं ज्यादा बड़ा है, महायोगी सत्येन्द्र नाथ जी कहते हैं "किसी भी जीव के स्वाभाव के बिपरीत यदि उससे कार्य करवाया जाए और उसे ये लगे कि ये सब वो अपनी इच्छा से कर रहा है तो समझना चाहिए, आपमें उत्तम सम्मोहक के गुण विद्यमान है" सम्मोहन को आम जीवन में आप प्रयोग में ला सकते हैं, यहाँ तक कि अभिनय कला में यदि सम्मोहन का पुट लग जाए, तो अभिनय-अभिनय न रह कर देखने वाले को पूर्ण सत्य लगता है