जिसने आपको परेशान करना हो वो कुछ भी कहेगा, जैसै कहेगा, "आप अपने आपको 'कौलान्तक नाथ' क्योँ कहते है ? 'कौलान्तक नाथ' क्या होता है ? अब अगर आप उस व्यक्ति को बता भी दो एक व्यक्ति को कि ये 'कौलान्तक नाथ' होता है, ये 'कौलान्तक नाथ' का अर्थ है तो पाँच दिनोँ बाद एक और वानरमुखी पैदा हो जायेगा, दस दिन बाद एक और हो जायेगा । कोई पूछेगा, "अच्छा, 'ईशपुत्र' क्या होता है ?" मैँ कहुँगा ठीक है "ये तो मेरा नाम है ।" फिर वो कहेगा "अच्छा, नाम ? 'ईशपुत्र' का अर्थ तो होता है 'भगवान का पुत्र'" तो मैँ फिर कहुँगा, "हाँ, हो सकता है लेकिन ये मेरा नाम है ।" लेकिन कहेगा, "नहीँ-नहीँ आप तो 'ईशपुत्र' क्योँ कह रहे हो अपने आप को ?" क्योँ ? तो मैँ "शैतानपुत्र" कहुँ क्या ? "शैतानपुत्र" तो तुम हो जिसके दिमाग मेँ इतनी इस तरह की घटिया विचार और घटिया बातेँ आती है; तभी तो तुम वानरमुखी हो । अच्छा मान लीजिए किसी का नाम "राम" हो गया तो क्या वो "राम" है ? या किसी का नाम "महादेव" है तो क्या वो स्वयं मेँ "महादेव" हो गया ? मान लीजिए मैँ अपना नाम कल से बदलकर के रख देता हुँ "त्रिलोकीनाथ महाकाल" तो क्या हो जाउँगा ? अगर केवल नाम रखनेमात्र से व्यक्ति वैसा होने लगे तब तो सब अपना-अपना नाम वैसा रख लेते और वैसे भी नाम यही सोचकर रखा जाता है कि काश हम वैसे बन जायेँ ! अगर मैँ "ईशपुत्र" अपना नाम रख रहा हुँ तो इसका मतलब है कि मेरी चाह होगी कि कहीँ न कहीँ मैँ "ईश्वर का पुत्र" हो जाउँ, पर आप ऐसी गलती मत करियेगा कि कोई व्यक्ति आपसे प्रश्न करे और आप उसका जवाब देने लग जाओ ।
बहुत सारे लोग तरह-तरह के प्रश्न पूछते है...कि अच्छा आप अमुक धर्म मेँ है आप लाल कपडे, काले कपडे, पीले कपडे, हरे कपडे क्योँ पहनते हो ? भई क्योँ ? तुम्हारे पितामह की अनुमति लेनी पडेगी क्या ? जब मेरे राष्ट्र नेँ, जब मेरी सरकार नेँ मुझे हर तरह के वस्त्र पहनने की अनुमति दी है तो तुम बोलनेवाले कौन होते हो ? और ये मेरा निजी जीवन है, लेकिन वानरमुखी परंपराएँ है । वानरमुखी हमारा स्वभाव है और इस देश मेँ इतने वानरमुखियोँ की भरमार हो गयी है कि आपको धर्म को संभालने या उसकी रक्षा करने के लिए बहुत चुनौतियोँ मेँ से गुजरना पडेगा ! - ईशपुत्र
गुरुवार, 24 मई 2018
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