उज्जाई प्राणायाम कंठ के रोगों को दूर करता है, श्वास नली को शुद्ध रखता है और थायराइड से संबंधित रोग इससे नहीं होते और आपकी ध्वनि अर्थात आवाज वृद्धावस्था तक युवकों जैसी सुंदर ही रहती है उसमें कंपन नहीं आता । इस प्राणायाम को करने के लिए कंठ से शंख जैसी ध्वनि करते हुए धीरे-धीरे भीतर श्वास ले जाएं और गर्जना करते हुए श्वास को बाहर निकालें। यही उज्जाई प्राणायाम है।
- महासिद्ध ईशपुत्र
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