प्रस्तुत भजन में गौर करनेवाली बात है कि मधु और कैटभ नाम के राक्षसों का बध भगवान विष्णु जी नें किया था. किन्तु महायोगी जी देवी योगमाया को उनका संहारक बता रहे हैं. जो कि शाक्त परम्परा के अनुसार माना जाता है कि योगमाया नेत्रों से निकाल कर आयी और योगमाया नें ही विष्णु भगवान को वरदान देने की बात मधु-कैटभ दैत्यों के मन में डाली. भगवान विष्णु जी नें तो केवल औपचारिकता पूरी की. तो अपरोक्ष रूप से शक्ति ही मधु कैटभ का नाश करने वाली संहारक देवी हुयी-"कौलान्तक पीठ हिमालय"
-------------------Bhajan------------
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
ओ साधू रे------------------
तू भी सुन ले मैय्या की कहानी
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
उस दिन से------------------
उस दिन से मेरे मन में छाया है उल्लास
जिस दिन से मैय्या तेरा पाया है प्रकाश
उस दिन से मेरे मन में छाया है उल्लास
जिस दिन से मैय्या तेरा पाया है प्रकाश
ओ साधू रे------------------
मैय्या का मंत्र मैं भले नहीं जानू
पूजा आराधना प्रेम को मानू
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
ओ साधू रे------------------
तू भी सुन ले मैय्या की कहानी
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
मैंने मन मैं-----------------
मैंने मन मैं मैय्या तेरा पाया है विश्वास
जग के दुखों से मैं होऊं न उदास
मैंने मन मैं मैय्या तेरा पाया है विश्वास
जग के दुखों से मैं होऊं न उदास
ओ साधू रे------------------
जप तप हठ और योग न जानू
फिर भी मैं मैय्या तुझे अपना ही मानु
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
ओ साधू रे------------------
तू भी सुन ले मैय्या की कहानी
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
तेरे द्वारे-----------------
तेरे द्वारे आया हूँ मैं जग से उदास
तेरा भरोसा मैय्या तेरा ही विश्वास
तेरे द्वारे आया हूँ मैं जग से उदास
तेरा भरोसा मैय्या तेरा ही विश्वास
ओ साधू रे------------------
तंत्र ये मंत्र भी ये झूठ है सारे
जब तक कोई मैय्या तुझे न पुकारे
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
ओ साधू रे------------------
तू भी सुन ले मैय्या की कहानी
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
मधु कैटभ तुने मारे नारायणी
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