आदि सरस्वती काली संतोषी।
माता तू कमला है तू ही नारायणी।
तू ही नित लेती मां कई अवतार है,
दुष्टों का करती मां तू ही संहार है।
तू ही नित लेती मां कई अवतार है,
दुष्टों का करती मां तू ही संहार है।
पापों से मुक्ति तू पल में दिलाए,
मन के तू सारे मां भरम मिटाएं।
माता तू कमला है तू ही नारायणी,
आदि सरस्वती काली संतोषी।
तू ही है जग में मां तू ही संसार है,
तू ही है महिमा वो जो अपरम्पार है।
तू ही है जग में मां तू ही संसार है,
तू ही है महिमा वो जो अपरम्पार है।
जीवों को माया तू बनके भरमाए,
भक्तों को अपने तू दरशन करवाए।
माता तू कमला है तू ही नारायणी,
आदि सरस्वती काली संतोषी।
तू ही है ज्योति मां तू ही अंधकार है,
तू ही है लघुता मां तू ही विस्तार है।
तू ही है ज्योति मां तू ही अंधकार है,
तू ही है लघुता मां तू ही विस्तार है।
तू ही मां जीवन का सत्य बताए,
तू ही मां दुखों से पार लगाए।
माता तू कमला है तू ही नारायणी,
आदि सरस्वती काली संतोषी।
तू ही बल बुद्धि मां जीवन आधार है,
देवी ही शक्ति से चलता संसार है।
तू ही बल बुद्धि मां जीवन आधार है,
देवी ही शक्ति से चलता संसार है।
जीवों को भव से तू पार ले जाएं,
भक्तों को अपने तू चरण लगाए।
माता तू कमला है तू ही नारायणी,
आदि सरस्वती काली संतोषी।
माता तू कमला है तू ही नारायणी,
आदि सरस्वती काली संतोषी।
माता तू कमला है तू ही नारायणी...।
- महासिद्ध ईशपुत्र
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