आन्तरराष्ट्रीय कौलान्तक सिद्ध विद्यापीठ वज्र योगिनी तंत्र पर आगामी पाठ्यक्रम की घोषणा करते हुए प्रसन्नता अनुभव कर रही है।
इस धरा पर वज्र योगिनी तंत्र की विशालता को समाहित करने वाला यह अभूतपूर्व कोर्स है। वज्र योगिनी तंत्र की शिक्षाओं और ज्ञान के विस्तार को किसी भी परंपरा में इससे पहले कभी गहराई से नहीं बताया गया है।
वज्र योगिनी तंत्र जो हिंदू धर्म, बुद्धाचार और कई अन्य परंपराओं में संदर्भित है, वज्र योगिनी तंत्र की विशालता का केवल कुछ पहलू मात्र है।
आइए और सिद्ध धर्मानुसार सीखिए वज्र योगिनी के विशाल तंत्र, उनके विभिन्न रूप, वज्र योगिनी तांत्रिक नृत्य, डाकिनी गीत, उनकी गुप्त मुद्रा माला, शामानिक शाबर मंत्र परंपरा और जानिए उनके बारह भैरवों और उनके मुखौटों के बारे में ।
आप यह भी सीखेंगे कि वज्र योगिनी भाव समाधि को कैसे प्राप्त किया जाए और वज्र वैरोचिनी, उग्रा तारा और वज्र वाराही के साथ उसका क्या संबंध है।
इस सर्टिफिकेशन कोर्स में संपूर्ण वज्र योग और इसकी उत्पत्ति, नास्तिकों की तांत्रिक और यौगिक परंपरा भी सिखाई जाएगी।
आप कुल कुंडलिनी के साथ वज्र योगिनी का संबंध और कैसे वज्र योगिनी अपने साधकों के भीतर सुप्त अनंत शक्ति को जागृत करती है यह भी जानेंगे।
तांत्रिक वज्र योग और वज्र योगिनी का यन्त्र और वज्रयोगिनी का दर्शन भी इस पाठ्यक्रम में समाहित होगा।
आप यह भी सीखेंगे की वज्रयोगिनी का अपने दैनिक जीवन में कैसे उपयोग करें । यह पाठ्यक्रम आपको अपने जीवन में नकारात्मकता और भय को दूर करने और नेतृत्व के गुणों को विकसित करने के लिए सहायक सिद्ध होगा।
महासिद्ध ईशपुत्र इस भ्रम को स्पष्ट करेंगे कि वज्र योगिनी योगिनी है या डाकिनी या देवी या यक्षिणी।
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आन्तरराष्ट्रीय कौलान्तक सिद्ध विद्यापीठ के इस कोर्स को प्रायोजित और सहप्रयोजित महासिद्ध ईशपुत्र के मार्गदर्शन में कौलान्तक पीठ, हिमालय द्वारा किया गया है।
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