मंगलवार, 7 अगस्त 2018

विकराल कुरुकुल्ला कवच मंत्र

'विकराल कुरुकुल्ला कवच मंत्र' एक स्तुति मंत्र है जो 'देवी' की स्तुति के साथ-साथ ही उनकी अनुकम्पा प्रदान करने वाला है। इसे मनोकामनापूरक मन्त्र व सुरक्षा करने वाला मंत्र कहा गया है। हिमालय पर 'गण गन्धर्व' इसी प्रकार उनकी मंत्र स्तुति करते हैं। 'ईशपुत्र-कौलान्तक नाथ' द्वारा गया गया ये मंत्र प्रस्तुत है-कौलान्तक पीठ टीम-हिमालय।
-------Goddess Kurukulla Mantra-----------
तू महाभैरवी देवी डाकिनी, तू गंधर्वपूजिता...
शांत रूप तेरा तू विकराला देवपूजिता...
तू वरदायिनी कैलाशवासिनी कुरुकुल्ला...
दुर्गा दुर्गतिनाशिनी तू अंबा हे जगदंबा...
ॐ ह्रीं वज्रपुष्पं हुं फट् आः सुरेखे वज्ररेखे स्त्रींकारी ह्रींकारी क्लींकारिणी कुरुकुल्ले कुल्लुकतारिणी कुल्लुकेशी हुं ऐं स्त्रीं ह्रीं फट् कीली-कीली युं हुं हुं ऐं त्रीं द्रीं क्षीं स्हूं सर्वार्थसाधिनी जग्रय-जग्रय ॥
(tu mahabhairavi devi dakini, tu gandharv poojitaa...
shant roop tera tu, vikaralaa Dev poojitaa.......
tu vardayini kailashwasini , kurukulla..........
durgaa durgati naashini tu, Ambaa he! jagdambaa.......)
( om hreem vjrapushpm hum phat aa: surekhe vajrrekhe streengkaaree hreengkaaree kleengkaarini kurukulle kulluktaarini kullukeshee hum aim streem hreem phat kili-kili yum hum hum aim treem dreem ksheem sahoom sarvarth sadhini jagraya-jagraya...........)