शनिवार, 25 अगस्त 2018

विश्वकर्मा तंत्रोक्त मंत्र

'कौलान्तक पीठ हिमालय' प्रस्तुत करता है 'कौलक्रमानुसार' 'विश्वकर्मा तंत्रोक्त मंत्र '. ये मंत्र 'विद्या और कलाओं' में निपुणता के साथ-साथ, भवन-वाहन आदि का सुख भी प्रदान करता है। निर्माण कलाओं और आवष्कारों व नए विचारों सहित 'विश्वकर्मा जी' को प्रसन्न करने के लिए इस स्तुति मंत्र को साधा जाता है। बिना 'विश्वकर्मा' के निर्माण सिद्धि अधूरी रहती है। आशा है कि आपको प्रस्तुत मंत्र विशेष लाभ प्रदान करेगा व आपको जीवन में सफलताएं प्राप्त होंगी-कौलान्तक पीठ टीम-हिमालय।

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ॐ नमस्ते-नमस्ते कंबीघराय ॐ आघ्रात्मने श्री भूकल्पाय श्री विश्वबल्लभे विश्वकर्मणे आगच्छ-आगच्छ कला-कौशलं वरं प्रयच्छ- वरं प्रयच्छ।
om dhum dhum dhum troum dhun gyoum sah Vastoshpate reem rem reem Vishwkarmane Swaha.
ॐ धुं धुं धुं त्रों धुं ज्ञों स: वास्तोष्पतये ऋं रें ऋं विश्वकर्मणे स्वाहा।