शुक्रवार, 8 अप्रैल 2022

धर्ममय भारत


हमारे राष्ट्र की जो सबसे बड़ी पूंजी है वह न तो हीरे है ना तो मोती है, न ही अस्त्र-शस्त्र है और ना ही कोई युद्ध विद्या या कौशल है। हमारे राष्ट्र की जो सबसे बड़ी पूंजी है वो धर्म है! हमने धर्म से ऊपर कभी किसी चीज को रखा नहीं, हमारे लिए धर्म के अतिरिक्त कोई सत्ता है ही नहीं और धर्म ही है जो धारण करने योग्य हैं।
- ईशपुत्र