हे शमशान निवासिनी!

ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रूं ह्रूं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रूं ह्रूं स्वाहा ।।

हे शमशान निवासिनी! हे शिव शंभू विलासिनी! जागो जागो जागो!

ॐ धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीं, वां वीं वूं वागधिश्वरी, क्रां क्रीं क्रूं कालिके, शां शीं शूं शुभं कुरु, शुभं कुरु, शुभं कुरु। 

त्राहि त्राहि करे जगत सारा, चहुं दिशा घनघोर अंधियारा।
दावानल उठे चहुं दिशा, जागो जागो जागो!
हे शमशान निवासिनी!०

ॐ नमो कुरुकुल्ले, अन्न धन वर्षिणी, सकल कामाकर्षिणी, सिद्ध हो सिद्ध हो सिद्ध हो मां!

अत्याचार से मानव डरता, पापियों में बल जर जर बढ़ता!
हाहाकार है चहुं दिशा, जागो जागो जागो!
हे शमशान निवासिनी!०

ॐ डं डराहा डरा डाकिनी मोक्षं गच्छ प्रयच्छ।

आंखों में भर नीर बहाऊं, मैया मैं तुझे पास बुलाऊं!
आकर तोड़ो महानिशा, जागो जागो जागो!

हे शमशान निवासिनी! हे शिव शंभू विलासिनी! जागो जागो जागो!
- ईशपुत्र

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