"इस बात से कोई अंतर नहीं पड़ता कि तुम कितने विख्यात हो......लेकिन इस बात से जरूर अंतर पड़ता है कि तुम्हारा अपने जीवन के प्रति नजरिया क्या है? अपने आप में कुछ हो जाने पर फिर संसार के प्रमाणीकरण की जरूरत ठीक वैसे ही नहीं रहती......जैसे कि हीरे को कोयले बीच भी कालिख का भय और अपनी श्रेष्ठता की चिंता नहीं होती"-'कौलान्तक पीठाधीश्वर महायोगी सत्येन्द्र नाथ जी महाराज'-कौलान्तक पीठ टीम-हिमालय
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