'कौलान्तक पीठ हिमालय' प्रस्तुत करता है 'ईशपुत्र-कौलान्तक नाथ' और 'आनंदा भैरवी' की आवाज में देवी कुरुकुल्ला रक्त तारा' की आरती। इस आरती को पहाड़ी शैली' में ही यथावत रखा गया है। समस्त भूत-प्रेत, ऊपरी बाधाओं की रोक, नकारात्मक शक्ति की रोक, समस्यायों के निवारण, कृत्या परिहार, ग्रह बाधा निवारण सहित देवी की परम कृपा हेतु आरती श्रवण व गायन श्रेष्ठ उपाय है। आपके जीवन में मंगल हो, दिव्य प्रकाश हो और देवी की परम अनुपम कृपा हो इसी इच्छा के साथ, आपकी सेवा में अर्पित है ये आरती कौलान्तक पीठ टीम- हिमालय ।
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तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी।
जय जय रासरते, जय जय रासरते। 03
तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला, तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला।
तंत्र मंत्र है सारे तुझसे,
तंत्र मंत्र है सारे तुझसे।
योग जप तप सिद्धि और भक्ति, योग जप तप सिद्धि और भक्ति।
भोग मोक्ष है सूत्र तेरे,
भोग मोक्ष है सूत्र तेरे ।
तू ही आदिशक्ति !
तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी।
जय जय रासरते, जय जय रासरते। 02
तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला, तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला।
वेद पुराण है बालक तेरे,
वेद पुराण है बालक तेरे।
सहस्त्रभुजा देवी कुरुकुल्ला,
सहस्त्रभुजा देवी कुरुकुल्ला।
रक्त वर्ण तेरा पीत वर्ण है,
रक्त वर्ण तेरा पीत वर्ण है।
माया रूप विकुल्ला!
तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी।
जय जय रासरते, जय जय रासरते। 02
तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला, तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला।
आगम निगम प्रदात्री तू ही,
आगम निगम प्रदात्री तू ही।
शिव संग रास रचाती,
शिव संग रास रचाती।
परम तंत्र स्वतंत्र तू ही,
परम तंत्र स्वतंत्र तू ही।
वर अभिष्टदात्री !
तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
जय जय रासरते जय जय रासरते।
तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
जय जय रासरते जय जय रासरते।
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