"ईशपुत्र" की ये विशेषता है की वो कहीं भी कभी भी साधना और ध्यान की गहराइयों में उतर सकते हैं। उनके लिए स्थान और कोलाहल भी मायने नहीं रखता। जीवन की सत्य धारा के परम पथिक "कौलान्तक नाथ" साधकों के मन में इष्ट की भांति बसते हैं। लेकिन ये सब अकारण नहीं होता। इस आकर्षण का रहस्य महाप्रतिभाशाली साधक स्वयं जानते हैं। पीठ केवल अपने सम्प्रदायानुगत साधकों के निमित्त "कौलान्तक पीठाधीश्वर महायोगी सत्येन्द्र नाथ जी महाराज" के कुछ और चित्र प्रस्तुत करती है। आशा है साधक वृन्द के हृदय कमलों का इन चित्रों से विकास होगा और भक्ति साधना का आनंद होगा-कौलान्तक पीठ टीम-हिमालय।
शनिवार, 31 अगस्त 2019
शुक्रवार, 16 अगस्त 2019
कौलान्तक पीठाधीश्वर महायोगी सत्येन्द्र नाथ जी महाराज हिमालय पर अपनी लम्बी साधना और लम्बी यात्रा के बाद कुछ क्षणों के लिए माँ स्वप्नेश्वरी की गोद में विश्राम करते हुए.......किन्तु ये बताना अनिवार्य है कि महायोगी जी हमारी तरह नहीं सोते.....वो जागृत निद्रा में ही रहते हैं.......दिन-रात जागते हैं.........आपके जीवन में भी सुख और चैन की आनन्द दायक सात्विक निद्रा आये.....इसी प्रार्थना के साथ-कौलान्तक पीठ टीम-हिमालय.
गुरुवार, 15 अगस्त 2019
रक्षा बंधन के पवित्र पर्व पर कौलान्तक पीठ टीम की ओर से सभी को हार्दिक बधाई व गुरु भाई-बहनों को रक्षाबंधन की विशेष शुभकामनाएं. भगवान शिव और माँ शक्ति आपकी सदैव रक्षा करें.....आपके जीवन को धन-धान्य व ज्ञान से उच्चकोटि का बनाए. 'कौलान्तक पीठाधीश्वर महायोगी सत्येन्द्र नाथ जी महाराज' का तेज और सामर्थ्य आपको जीवन में चौंसठ कला पूर्ण बनाए.......राखी पर यही कामना-कौलान्तक पीठ टीम-हिमालय.
रविवार, 11 अगस्त 2019
"बंद कमरों...सड़कों....शहरों और भीड़ से दूर निकल कर तुम खुद को महसूस करो.......अपने शरीर को...अपने अस्तित्व को.......अपने ह्रदय को.......अपनी क्षमताओं को.......और रुके हुए...धीरे-धीरे बहते समय को........अन्यथा नकली वातावरण में तुम कहीं अपने असलीपन को अपने होने के आनंद को न खो देना"-'कौलान्तक पीठाधीश्वर महायोगी सत्येन्द्र नाथ जी महाराज'-कौलान्तक पीठ टीम-हिमालय.