गुप्त नवरात्रि में दश महाविद्याओं की साधना

कथा एवं सार
एक समय ऋषि श्रृंग प्रजाजनों को दर्शन दे रहे थे अचानक भीड़ से एक स्त्री निकाल कर आई, और करबद्ध ऋषि श्रृंग से बोली कि, मेरे पति दुर्व्यसनों से सदा घिरे रहते हैं,जिस कारण में कोई पूजा पाठ नहीं कर पाती, न ही ऋषि दर्शन एवं सेवा कर पाती हूँ, यहाँ तक कि ऋषियों को भेजे जाने वाला अन्न का भाग भी में नहीं दे पाती, मेरा पति मांसाहारी हैं, जुआरी है, लेकिन में माँ शक्ति दुर्गा कि सेवा करना चाहती हूँ, उनकी भक्ति साधना से जीवन को पति सहित सफल बनाना चाहती हूँ, तो ऋषि श्रृंग बोले कि, माता जिस प्रकार दो नवरात्र ग्रीष्म और शारदीय प्रतिवर्ष मनाये जाते हैं, ठीक वैसे ही दो नवरात्र और भी एक वर्ष में होते हैं जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है, जिस प्रकार नवरात्र नौ देवियों के होते हैं उसी प्रकार गुप्त नवरात्र दस महाविद्याओं के होते हैं,यदि कोई दस महाविद्याओं के रूप में शक्ति की उपासना कर ले तो जीवन धन धान्य राज्यसत्त ऐश्वर्य से भर जाता है, इन नवरात्रों की प्रमुख देवी स्वरुप का नाम सर्वैश्वर्यकारिणी देवी है, यदि इन गुप्त नवरात्रों में कोई भी भक्त माता दुर्गा की पूजा साधना करता है तो माँ उसके जीवन को सफल कर देती हैं,लोभी,कामी,व्यसनी,सहित यदि मांसाहारी अथवा पूजा पाठ न कर सकने वाला भी यदि इन दिनों माता की पूजा कर ले तो जीवन में कुछ और करने की आवश्यकता ही नहीं रहती....इस प्रकार उस स्त्री ने ऋषि श्रृंग के वचनों पर श्रद्धा कर गुप्त नवरात्र की पूजा की और जीवन में परिवर्तन आने लगा,घर में सुख शान्ति आ गयी,पति सद्मार्ग पर आ गया,और जीवन माता की कृपा से खिल उठा.यदि आप भी कभी कभी शराब पी लेते हैं,मांसाहार कर लेते हैं और चाहते हैं की माता की कृपा से जीवन में सुख समृद्धि आये, तो इस अवसर को नहीं चूकिएगा,ये भी बता दें की तंत्र और शाक्त मत का तो ये सबसे अहम् पर्व माना जाता है,वैशनो,पराम्बा देवी और कामाख्या देवी का ये अहम् पर्व माना जाता है,पाकिस्तान स्थित हिन्गुलाज देवी की सिद्धि का भी यही अहम् समय होता है,शास्त्रों के अनुसार दस महाविद्याओं को सिद्ध करने के लिए ऋषि विश्वामित्र और ऋषि वशिष्ठ ने बहुत प्रयास किया लेकिन सिद्धि नहीं मिली तो उनहोंने काल ज्ञान द्वारा ये पता किया कि गुप्त नवरात्र ही वो समय है जब शक्ति के इन स्वरूपों को सिद्ध किया जा सकता है, ऋषि विश्वामित्र ने तो शक्तिया प्राप्त कर नयी सार्ष्टि तक रच डाली......लंकापति रावन का पुत्र मेघनाद अतुलनीय शक्तियां प्राप्त करना चाहता था ताकि कोई उसे जीत ना सके....तो मेघनाद ने अपने गुरु शुक्राचार्य से परामश किया तो शुक्राचार्य ने गुप्त नवरात्रों में अपनी कुल देवी निकुम्बाला कि साधना करने को कहा,मेघनाद ने ऐसा ही किया और शक्तियां हासिल की,राम राबण युद्ध के समय केवल मेघनाद ने ही राम भगवान् सहित लक्षण जी को नागपाश मेमन बाँध कर मृत्यु के द्वार तक प[अहुंचा दिया था,ये भी कहा जाता है की यदि नास्तिक की परिहास्वश इन समय मंत्र साधना कर ले तो भी उसे फल मिल ही जाता है,यही इस गुप्त नवरात्र की महिमा है,यदि आप चाहते हैं मंत्र साधना करना,लेकिन काम-काज की उलझनों के कारण नहीं कर पाते नियमों का पालन तो ये समय आपके लिए ही माता की कृपा ले कर आया है,बिना किसी नियम को पाले बस कीजिये माँ शक्ति की मंत्र साधना और पाइए मनचाही मुराद,इस साधना के बारे में कहा जाता है की साधना से मनोकामना पूरी होने की 100 % गारंटी है,बस केवल बात ही ध्यान रखना होगा की आपके मंत्र,देवी का स्वरुप और पूजा रखनी होगी गुप्त,बिना किसी को बताये,घर पर ही करें माँ को प्रसन्न,और इसका आसान सा तरीका हम आपको आज बताने जा रहे हैं,तो कीजिये गुप्त नवरात्रों में दस महाविद्याओं की महासिद्ध पूर्णमनोरथी साधना...................................




--------माँ शक्ति को प्रसन्न करने का प्रमुख मंत्र-------
धूप दीप प्रसाद माता को अर्पित करें
रुद्राक्ष की माला से ग्यारह माला का मंत्र जप करें
दुर्गा सप्तशती का पाठ करें
मंत्र-ॐ ह्रीं सर्वैश्वर्याकारिणी देव्यै नमो नम:
पेठे का भोग लगाएं

दस महाविद्याओं से पाइए मनचाही कामना
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काली----------------------
लम्बी आयु,बुरे ग्रहों के प्रभाव,कालसर्प,मंगलीक बाधा,अकाल मृत्यु नाश आदि के लिए देवी काली की साधना करें
हकीक की माला से मंत्र जप करें
नौ माला का जप कम से कम करें
मंत्र-क्रीं ह्रीं ह्रुं दक्षिणे कालिके स्वाहा ॥
---------------------तारा-----------------------
तीब्र बुद्धि रचनात्मकता उच्च शिक्षा के लिए करें माँ तारा की साधना
नीले कांच की माला से मंत्र जप करें
बारह माला का जप करें
मंत्र-ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट् ॥
-------------------त्रिपुर सुंदरी--------------------
व्यक्तित्व विकास पूर्ण स्वास्थ्य और सुन्दर काया के लिए त्रिपुर सुंदरी देवी की साधना करें
रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें
दस माला मंत्र जप अवश्य करें
मंत्र-ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदर्यै नमः ॥
------------------भुवनेश्वरी------------------------
भूमि भवन बाहन सुख के लिए भुबनेश्वरी देवी की साधना करें
स्फटिक की माला का प्रयोग करें
ग्यारह माला मंत्र जप करें
मन्त्र-ॐ ह्रीं भुबनेश्वर्यै ह्रीं नमः ॥
------------------छिन्नमस्ता----------------------
रोजगार में सफलता,नौकरी पद्दोंन्ति के लिए छिन्नमस्ता देवी की साधना करें
रुद्राक्ष की माला से मंत्र जप करें
दस माला मंत्र जप करना चाहिए
मंत्र-ॐ श्रीं ह्रीं ऐं वज्र वैरोचिन्यै ह्रीं फट स्वाहा ॥
-----------------त्रिपुर भैरवी-----------------------
सुन्दर पति या पत्नी प्राप्ति,प्रेम विवाह,शीघ्र विवाह,प्रेम में सफलता के लिए त्रिपुर भैरवी देवी की साधना करें
मूंगे की माला से मंत्र जप करें
पंद्रह माला मंत्र जप करें
मंत्र-ॐ ह्रीं भैरवी क्लौं ह्रीं स्वाहा ॥
------------------धूमावती------------------------
तंत्र मंत्र जादू टोना बुरी नजर और भूत प्रेत आदि समस्त भयों से मुक्ति के लिए धूमावती देवी की साधना करें
मोती की माला का प्रयोग मंत्र जप में करें
नौ माला मंत्र जप करें
मंत्र-ॐ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा ॥
-----------------बगलामुखी-----------------------
शत्रुनाश,कोर्ट कचहरी में विजय,प्रतियोगिता में सफलता के लिए माँ बगलामुखी की साधना करें
हल्दी की माला या पीले कांच की माला का प्रयोग करें
आठ माला मंत्र जप को उत्तम माना गया है
मन्त्र-ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ॐ नम: ॥
-------------------मातंगी-------------------------
संतान प्राप्ति,पुत्र प्राप्ति आदि के लिए मातंगी देवी की साधना करें
स्फटिक की माला से मंत्र जप करें
बारह माला मंत्र जप करें
ॐ ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा ॥
-------------------कमला-------------------------
अखंड धन धान्य प्राप्ति,ऋण नाश और लक्ष्मी जी की कृपा के लिए देवी कमला की साधना करें
कमलगट्टे की माला से मंत्र जप करें
दस माला मंत्र जप करना चाहिए
मंत्र-हसौ: जगत प्रसुत्तयै स्वाहा ॥


-कौलान्तक पीठाधीश्वर
महायोगी सत्येन्द्र नाथ जी महाराज