मंगलवार, 26 जून 2018

म्लेच्छ

म्लेच्छ केवल वो लोग है जिनके ह्रदय मेँ बुरी इच्छाएँ छिपी है, पाप छिपा है, जो आततायी है, अत्याचारी, जो भ्रष्टाचारी है; इसलिए हमारे देश मेँ ही नहीँ वरन् अनेकोँ देशोँ मेँ जो भ्रष्टाचारी है, पापाचारी है, रिश्वतखोर है वो सब के सब म्लेच्छ है इसलिए हम नित्य प्रार्थना करते है कि ऐसे म्लेच्छोँ का वध हो क्योँकि हम तो वध नहीँ करेंगे हम तो ऋषि है, हमारा काम मारण नहीँ है लेकिन आवश्यकता पडती है तो मेरे जैसे सरफिरे ऋषि अस्त्र उठाने मेँ देर नहीँ करते लेकिन अभी हमेँ हमारी न्यायव्यवस्था पर, कानून पर, संविधान पर विश्वास है क्योँकि हमारे पूर्वजो नेँ, हमनेँ मिलकर इस संपूर्ण देश को सुखी बनाने के लिए एक व्यवस्था बनाई...पुलिस, प्रशासन, न्यायालय...लेकिन यदि न्यायालय भ्रष्ट हो जाये तो क्या करेँ ? क्या न्यायाधीशोँ की गरदन काटी नहीँ जानी चाहिए ? यदि पुलिस-व्यवस्था भ्रष्ट हो जाए, हमारे घरोँ मेँ आकर वो हमारे उपर अत्याचार करने लगे, सरकारेँ इतना अधिक कर हम पर लाद देँ कि हर बात पे कर, हर बात पे कर । कोई भी देश यदि एक सीमा से उपर Tax तुम पर बढा देँ तो उस सरकार का विरोध करो, गिरा डालो उस सरकार को, पलट दो तख्ते...अरे इतिहास है तख्ता पलट तो होता रहता है, कायर तख्ता पलट थोडी न करते है, वीर लोग करते है और अधिक कर लगानेवाली सरकार भी म्लेच्छ सरकार कहलाती है और अत्यधिक कानून बनानेवाली सरकार भी म्लेच्छ सरकार कहलाती है क्योँकि मनुष्य को स्वतन्त्रता मिलनी चाहिए ।

मेरे नाम पर, धर्म के नाम पर, #कौलान्तक_पीठ के नाम पर और खास #कौलाचार के नाम पर बहुत लोग ढोंग कर रहे है, झूठ बोल रहे है । कोई कहता है कि 'कौलाचार पञ्चमकार है वो भी निकृष्ट पञ्चमकार', कोई कहता है 'नहीँ ये कौलाचार है', कोई कहता है 'नहीँ मेरे पास कौलाचार का प्रमाणपत्र है', कोई कहता है 'नहीँ हम परम्परानुगत कौलाचारी है !'...कहाँ से कौलाचारी हो ? भारत मेँ कितनी कौलाचारी पीठेँ थी ? विश्व मेँ कितनी कौलाचारी पीठेँ बन गयी ? और...व्यापार तुम करो मुझे धर्म के नाम पर व्यापार करने से कोई आपत्ति नहीँ । तुम धर्मगुरु बनोँ मुझे कोई आपत्ति नहीँ मेरा पूरा आशीर्वाद और समर्थन है लेकिन धर्म के नाम पर गलत आचरण और व्यभिचार न करो क्योँकि ऐसा करते हो तो तुम भी #मलेच्छ हो :-) और तुम भी मरोगे :-) प्रणाम ! ॐ नमः शिवाय ! :-) - ईशपुत्र