महायोगी जी जगत कल्याण के लिए भी हिमालय छोड़ कर नहीं आना चाहते थे
महायोगी जी को इक्कीसवें वर्ष में "कौलान्तक पीठाधीश्वर"बनाया गया......वो भी साधना और ज्ञान में सबसे श्रेष्ट होने के कारण व अनेकों विद्याओं के जानकार…
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साधना मार्ग : हिमालय में तप भाग - 1
साधना मार्ग अत्यंत विचित्र मार्ग है। यहाँ जो भी शिक्षा हम गुरु से ग्रहण करते है उसे स्वयं प्रयोगात्मक तौर पर हमें उतारना होता है। इसके लिए ये नितान्त अन…
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तीन वर्ष की आयु में ही महायोगी जी हिमालय की सिद्ध परम्परा में दीक्षित हो गए
जब महायोगी सत्येन्द्र नाथ जी महाराज तीन बर्ष कुछ माह के हुए ही थे कि एक दिन उनके पिता जी के पास एक लम्बे कद का लम्बी दाढ़ी मूछों वाला साधू आया....और कहने लगा …
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